Posted on 24-Jun-2025 08:42 PM
वो फिर मुस्काएंगे, आशीष लुटाएंगे,
गुरुवर समय के रूप में, विद्या सागर जी आएंगे
कैसे भूलूं बाबा मैं तूने किए जो उपकारों को
दुनिया से हारा था मैं जो तूने दिए उन सहारो को
फेरा जब हाथ सर पर ये मेरी किस्मत सवारी थी
जानता कौन है मुझे तूने पहचान दिलायी थी
क्यूं दीनानाथ गए, क्यूं करके अनाथ गए
सिसकिया लेके पूछे दिल, कहा मेरे भगवान गए -2
आचार्य श्री की छवि, गुरु समय में आई है
छाया विद्या गुरु ने अपनी भिजवाई है - 2
फिर से बरसेगी रहमत गुरु आपकी इस जमाने में
सजेगा जन्नतों सा कुंडलपुर फिर आपकी आंखों में
जलेंगे दीप फिर से अब बड़े बाबा के आंगन में
होगा आचार्य पदारोहण भक्ति की इस सावन में
छोटे बाबा दया करना, भक्तों की अरज सुनना
आना फिर से लौट के, इतनी सी कृपा करना -2
वो फिर मुस्काएंगे, आशीष लुटाएंगे,
गुरुवर समय के रूप में, विद्या सागर जी आएंगे
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