जैन भजन संग्रह

जैन भजन संग्रह
मैं ज्ञानानंद स्वभावी हूं
जैन भजन संग्रह
प्रथमं मंगलम मंत्र नवकार, इसके जपने से होता है भव पार...
जैन भजन संग्रह
जहाँ नेमी के चरण पड़े, गिरनार वो धरती है...
जैन भजन संग्रह
ओ जगत के शांति दाता...
जैन भजन संग्रह
साधना के रास्ते, आत्मा के वास्ते चल रे राही चल
जैन भजन संग्रह
मोक्ष के प्रेमी हमने, कर्मों से लड़ते देखें...
जैन भजन संग्रह
गुरु ने जहां जहां भी ज्योति जलाई है...
जैन भजन संग्रह
मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जायेंगे...
जैन भजन संग्रह
ये तो सच है कि नवकार में, सब मंत्रो का ही सार है...
जैन भजन संग्रह
जीवन के किसी भी पल में वैराग्य उमड सकता है...
जैन भजन संग्रह
अमृत से गगरी भरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे...
जैन भजन संग्रह
स्वर्ग से सुंदर अनुपम है ये जिनवर का दरबार...
जैन भजन संग्रह
आत्मा अनंत गुणों का धनी
जैन भजन संग्रह
सुख आते है दुःख आते है...
जैन भजन संग्रह
एक नाम साँचा, एक नाम प्यारा...
जैन भजन संग्रह
निर्ग्रंथों का मार्ग हमको प्राणों से भी प्यारा है
जैन भजन संग्रह
मोह जाल में फंसे हुए हैं, कर्मो ने आ घेरा...
जैन भजन संग्रह
रोम-रोम पुलकित हो जाय, जब जिनवर के दर्शन पाय...
जैन भजन संग्रह
अपना करना हो कल्याण, साँचे गुरुवर को पहिचान...
जैन भजन संग्रह
कैसी सुन्दर जिन प्रतिमा