चौबीसी



राग ना मिले ऋषभ नाथ के बिना,

जीत ना मिले अजीतनाथ के बिना,

संभव ना हो कार्य संभवनाथ के बिना,

वंदन ना मिले अभिनंदन के बिना

चौबीस जिनेश्वर भगवन्तों को वंदना _ 2

 

'सु' मति ना मिले सुमतीनाथ के बिना,

पुण्य ना खिले पद्म प्रभु के बिना,

'सु' कृत ना बने सुपार्श्व के बिना,

अंधकार ना मिटे चंद्रप्रभु के बिना,

चौबीस जिनेश्वर भगवन्तों को वंदना _ 2

 

समाधि ना मिले सुविधिनाथ के बिना,

शीतल ना बने शीतलनाथ के बिना 

श्रेय ना मिले श्रेयांसनाथ के बिना,

पूज्य ना बने वासुपूज्य के बिना,

चौबीस जिनेश्वर भगवन्तों को वंदना _ 2

 

निर्मल ना बने विमलनाथ के बिना,

अंत ना मिले अनंतनाथ के बिना,

धर्म ना मिले धर्मनाथ के बिना,

शांति ना मिले शांतिनाथ के बिना

चौबीस जिनेश्वर भगवन्तों को वंदना _ 2

 

'कु' मति ना मिटे कुंथुनाथ के बिना,

भव ना कटे अरहनाथ के बिना,

मान ना मिले मल्लिनाथ के बिना,

मोक्ष ना मिले मुनिसुव्रत के बिना,

चौबीस जिनेश्वर भगवन्तों को वंदना _ 2

 

त्याग न मिले नमीनाथ के बिना,

ब्रह्मचर्य ना मिले नेमीनाथ के बिना,

पार ना लगे पार्श्वनाथ के बिना,

मुक्ति ना मिले महावीर के बिना 

चौबीस जिनेश्वर भगवन्तों को वंदना _ 2