Posted on 29-Sep-2024 08:05 PM
तर्ज़ - ढपली वाले, ढपली बजा...
मधुबन वाले... मुक्ति दिला,
तेरी शरणों में आए हैं आ... करम से तू बचा आ..
आठों करम से,घबराए मन से,ये जीव आया शरण मे,
घबराया प्राणी मूरख अज्ञानी,आया है तेरी शरण मे, हाय-2
करम से बचाओ.. गति से बचाओ,
हम आए हैं तेरे सहारे ।।1।।
मधुबन वाले..
तेरी भक्ति में,तेरी पूजा में,मन अब तो लगने लगा है,
तेरी वाणी में,जिनवाणी में,आनंद आने लगा है
ये जिनेन्द्र भक्ति.. दिलाएगी मुक्ति,
ये निश्चय है मन मे हमारे ।।2।।
मधुबन वाले..
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