अमृत से गगरी भरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे...



(तर्ज - महलो का राजा मिला, के रानी बेटी राज करेगी...)

 

अमृत से गगरी भरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे।

खुशी-खुशी मिल के चलो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे। टेक॥

 

सब साथी मिल कलश सजाओ, मङ्गलकारी गीत सुनाओ;

मन में आनन्द भयो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ।।१।। अमृत...

 

इन्द्र इन्द्राणी मिल हर्ष मनावें, प्रभु-चरणों में शीश झुकावें;

प्रभुजी की छवि निरखो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ॥२ ।। अमृत...

 

सुवर्ण कलश प्रभु उदकनि धारा, अङ्गे न्हावे जिनवर प्यारा;

स्वामी जगत को खरो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ॥३॥ अमृत...

 

हे सुखकारी सब दु:खहारी, सेवा जिनकी प्यारी-प्यारी;

लेकर ‘सरस’ को चलो, कि न्हवन प्रभु आज करेंगे ॥४॥ अमृत...

 

Nice 👌👌🙏

by Prachi jain at 11:30 PM, Sep 30, 2020