नाम तुम्हारा तारणहारा



तर्ज : फूल तुम्हे भेजा है ख़त में

नाम तुम्हारा तारणहारा, कब तेरा दर्शन होगा

तेरी प्रतिमा इतनी सुन्दर, तू कितना सुन्दर होगा ॥

सुर नर मुनिजन तुम चरणॊं में, नितदिन शीश नवाते हैं

जो गाते हैं तेरी महिमा, मनवांछित फल पाते हैं

धन्य घडी समझुंगा उस दिन, जब तेरा दर्शन होगा ॥१-नाम॥

दीन दयाला करुणासागर, जग मेँ नाम तुम्हारा है

भटके हुए हम भक्तों का प्रभु, तू ही एक सहारा है

भव से पार उतरने को तेरे गीतों का सरगम होगा ॥२-नाम॥