(तर्ज - यशोमती मैय्या से बोले...)
- सिद्धार्थ नन्दन त्रिशला के प्यारे
- महावीर तुम भये जग उजियारे २
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धरती पे आनन्द छाया,जब तुम पधारे जली ज्योति ऐसी जग में,ज्ञान जो जगाये
- मिटे अंधियारे प्रभुजी हो...
- पाप कटे सारे, जग उजियारे...
- सिद्धार्थ नंदन त्रिशला के प्यारे...
- माया के बन्धन तुम्हें बांध नहीं पाये
- चले आप प्रभुजी मन में दया को बसाये
- हिंसा मिटायी प्रभुजी हो..
- बने तारण हारे, जग उजियारे...
- सिद्धांत नंदन त्रिशला के प्यारे...
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अमर हुये चन्दनबाला दर्श जो पाया
- चन्द्र कोष विषधर को संयम धराया
- दिया उपदेश उसको हो...
- बन के सहारे, जग उजियारे...
- सिद्धार्थ नंदन त्रिशला के प्यारे...
- पाया निर्वाण तुमने पावापुरी जाके
- कही जैन मंडल ने तेरी कथा गाके
- दरश दिखाओ प्रभुजी हो...
- सब मिल पुकारे, जग उजियारे...
- सिद्धार्थ नंदन त्रिशला के प्यारे
- महावीर तुम भए जग उजियारे
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