Posted on 04-May-2020 04:55 PM
तुम से लागी लगन,
ले लो अपनी शरण,पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा
निशदिन तुमको जपूँ,
पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,
तेरे चाणों में बीत हमारा
तुम से लागी लगन,
ले लो अपनी शरण,पारस प्यारा,
मेटो मेटो जी संकट हमारा ।
निशदिन तुमको जपूँ,
पर से नेह तजूँ, जीवन सारा,
तेरे चाणों में बीत हमारा ॥
अश्वसेन के राजदुलारे,
वामा देवी के सुत प्राण प्यारे।
सबसे नेह तोड़ा,
जग से मुँह को मोड़ा,संयम धारा॥
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥
इंद्र और धरणेन्द्र भी आए,
देवी पद्मावती मंगल गाए।
आशा पूरो सदा,दुःख नहीं पावे कदा,
सेवक थारा
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥
जग के दुःख की तो परवाह नहीं है,
स्वर्ग सुख की भी चाह नहीं है।
मेटो जामन मरण,होवे ऐसा यतन,
पारस प्यारा
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥
लाखों बार तुम्हें शीश नवाऊँ,
जग के नाथ तुम्हें कैसे पाऊँ
‘पंकज’ व्याकुल भया दर्शन
बिन ये जिया लागे खारा
मेटो मेटो जी संकट हमारा
मेटो मेटो जी संकट हमारा
मेटो मेटो जी संकट हमारा॥
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