सिद्ध परमेष्ठी, आचार्य परमेष्ठी (प्रश्न-उत्तर)



 

सिद्ध परमेष्ठी 

प्रश्न 1. सिद्ध भगवान के 8 मूल गुण कौन से हैं? 

उत्तर - समकित दरसन ज्ञान, अगुरुलघु अवगाहना।  सूक्षम विरजवान, निराबाध गुण सिद्ध के। 

     1. क्षायिक सम्यक्त्व  2. अनंत दर्शन  3. अनंत ज्ञान  4. अगुरुलघु  5. अवगाहना  6. सूक्ष्मत्व

     7. अनंत वीर्य 8. अव्याबाध। 

 

प्रश्न 2.  किस कर्म के क्षय से कौन सा गुण सिद्धों में प्रकट होता है ?

उत्तर - 1. ज्ञानावरणी कर्म के क्षय से अनंत ज्ञान गुण। 

      2. दर्शनावरणी कर्म के क्षय से अनंत दर्शन गुण।

      3. वेदनीय कर्म के क्षय से अव्याबाध गुण। 

      4. मोहनीय कर्म के क्षय से सम्यक्त्व गुण। 

      5. आयु कर्म के क्षय से अवगाहन गुण। 

      6. नाम कर्म के क्षय से सूक्ष्मत्व गुण। 

      7. गोत्र कर्म के क्षय से अगुरुलघु गुण। 

      8. अंतराय कर्म के क्षय से अनन्तवीर्य गुण सिद्धों में प्रकट होता है। 

 

प्रश्न 3. सिद्ध भगवान बड़े हैं फिर भी अरिहंत को पहले नमस्कार क्यों किया हैं?

उत्तर - संसारी जीवों को मोक्ष मार्ग का उपदेश देते हैं इसलिये हितकारी होने से पहले अरिहंत भगवान को नमस्कार किया है।

 

आचार्य परमेष्ठी

प्रश्न 1. आचार्य परमेष्ठी के 36 मूल गुण कौन से हैं?

उत्तर - द्वादश तप, दश धर्मजुत, पाले पंचाचार। षट आवशी त्रय गुप्ति गुन, आचरज पद सार। 

      12 तप, 10 धर्म, 5 पंचाचार, 6 आवश्यक, 3 गुप्ति। 

 

प्रश्न 2. 12 तप कौन-कौन से हैं ?

उत्तर - अनशन ऊनोदर करे, व्रत संख्या रस छोर। विविक्त शयनासन धरे, कायकलेश सुठोर। 

      प्रायश्चित धर विनयजुत, वैयावृत स्वाध्याय। पुनि उपसर्ग विचारके, धरे ध्यान मन लाय। 

      1. अनशन 2. ऊनोदर  3. वृति परिसंख्यान  4. रसपरित्याग 5. विविक्त शयनासन

      6. कायक्लेश 7. प्रायश्चित 8. विनय 9. वैय्यावृत्य 10. स्वाध्याय 11.व्युत्सर्ग 12.ध्यान।

 

प्रश्न 3. दश धर्म कौन-कौन से हैं ?

उत्तर - उत्तम क्षमा मारदव आरजव भाव हैं, सत्य शौच संयम तप त्याग उपाव हैं

      आकिंचन ब्रह्मचर्य धरम दश सार हैं, चहुँगति-दुखतैं काढ़ि मुकति करतार हैं ॥

     1.उत्तम क्षमा  2. उत्तम मार्दव  3. उत्तम आर्जव  4. उत्तम शौच  5. उत्तम सत्य 6. उत्तम संयम

     7. उत्तम तप  8. उत्तम त्याग  9. उत्तम आकिंचन  10. उत्तम ब्रह्मचर्य।

 

प्रश्न 4. पंचाचार कौन-कौन से हैं ?

उत्तर - दर्शन ज्ञान चरित्र तप, वीरज  पंचाचार। गोपे मन वच काय को, गिन छत्तीस गुणाचार।

     1.दर्शनाचार 2. ज्ञानाचार 3.  तपाचार  4. चरित्राचार  5. वीर्याचार।

 

प्रश्न 5. छह आवश्यक कौन-कौन से हैं ?

उत्तर - समता धर वंदना करे, नाना थुति बनाय। प्रतिक्रमण स्वाध्याय जुत, कायोत्सर्ग लगाय।

      1.समता  2. वंदना  3. स्तुति  4. प्रतिक्रमण  5. स्वाध्याय  6. कायोत्सर्ग।

 

प्रश्न 6. गुप्ति कौन-कौन सी हैं ?

उत्तर - 1.मनोगुप्ति  2. वचन गुप्ति  3. काय गुप्ति।