Posted on 14-May-2020 09:21 PM
1 – आत्मा होती है
2 – जीव होते है
3 – रत्नत्रय होते है
4 – गतियां होती है
5 – पाप होते है
6 – द्रव्य होते है
7 – तत्त्व होते है
8 – कर्म होते है
9 – पदार्थ होते है
10 – धर्म होते है
11 – प्रतिमा होती है
12 – भावना होती है
13 – चारित्र होते है
14 – गुणस्थान होते है
15 – प्रमाद होते है
16 – कषाय होती है
17 – मरण होते है
18 – दोष होते है
19 – जीव समास होते है
20 – विदेह क्षेत्र में २० तीर्थंकर होते है
21 – ओदायिकभाव होते है
22 – परिषह होते है
23 – वर्गना होती है
24 – तीर्थकर होते है
25 – उपाध्याय परमेष्टि के मूलगुण होते है
26 – पृथ्वी होती है
27 – पंचेंद्रियों के विषय होते है
28 – साधू के मूलगुण होते है
29 – सम्यक दर्शन के लक्षण होते है
30 – णमोकार मंत्र में 30 व्यंजन होते है
31 – मुनिराज के लक्षण होते है
32 – अन्तराय होते है
33 – तत्वार्थ सूत्र के प्रथम अध्याय में ३३ सूत्र होते है
34 – अतिशय होते है
35 – णमोकार मंत्र में 35 अक्षर होते है
36 – आचार्यों के मूलगुण होते है
37 – पाँचवे गुणस्थान में आश्रवद्वार 37 होते है
38 – समयसार के प्रथम अध्याय में ३८ गाथाएं होती है
39 – तत्वार्थसूत्र के तीसरे अध्याय के सूत्र होते है
40 – भवनवासी देव होते है
41 – चार आराधनाओ के 41 प्रभेद होते है
42 – तत्वार्थसूत्र के चौथे अध्याय के सूत्र होते है
43 – तीसरे गुणस्थान में आस्रवद्वार 43 होते है
44 – कल्याणमंदिर के श्लोक होते है
45 – अष्ट पाहुड के तीसरे अध्याय में ४५ गाथाएँ होती है
46 – अरिहंतों के मुलगुण होते है
47 – घातिया कर्म होते है
48 – भक्तामर में 48 श्लोक है होते है
49 – नरक पटल होते है
50 – सम्यक्त्व के 50 मल होते है
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