Posted on 17-Nov-2022 08:39 PM
अभिनंदन प्रभु जी की आज, हम सब आरती करें।
बड़ा सांचा प्रभु का दरबार, सब मिल आरती करें ।।टेक।।
राजा स्वयंवर के घर जब थे जन्में,
इन्द्रगण आ मेरू पे अभिषेक करते,
नगरी अयोध्या में खुशियां अपार, प्रजाजन उत्सव करें,
अभिनंदन प्रभु जी की आज... ।।१।।
माघ सुदी बारस की तिथि बनी न्यारी,
प्रभुवर ने उग्र वन में दीक्षा थी धारी,
त्रैलोक्य पूज्य प्रभुवर की आज, सब मिल आरती करें,
अभिनंदन प्रभु जी की आज... ।।२।।
पौष सुदी चौदस में केवल रवि प्रगटा,
प्रभु की दिव्यध्वनि सुनकर जग सारा हर्षा,
केवलज्ञानी प्रभुवर की आज, सब मिल आरती करें,
अभिनंदन प्रभु जी की आज... ।।३।।
शाश्वत निर्वाणस्थली सम्मेद गिरि है,
वहीं पे प्रभु ने मुक्तिकन्या वरी है,
मुक्तिरमापति प्रभु की आज, सब मिल आरती करें,
अभिनंदन प्रभु जी की आज... ।।४।।
प्रभु तेरे द्वारे हम आरती को आए,
आरती के द्वारा भव आरत मिटाएं,
मिले शिवमार्ग, सब मिल आरती करें
अभिनंदन प्रभु जी की आज... ।।५।।
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