Posted on 10-May-2023 08:12 PM
जय अरहनाथ देवा,स्वामी अरहनाथ देवा
आरती तेरी आरत हारी,आरती तेरी आरत हारी
करे करम छेवा,जय अरहनाथ देवा...।
हस्तिनापुर में जन्म लियो है,जन जन सुखकारी
स्वामी जन-जन सुखकारी,राय सुदर्शन मित्रा आंगन
राय सुदर्शन मित्रा आंगन,रत्नवृष्टि भारी
जय अरहनाथ देवा... ।
त्रि पद धारी तुम त्रिपुरारी,दीन दयाल प्रभु
स्वामी दीन दयाल प्रभु,तुम चरणों की सेवा करके
तुम चरणों की सेवा करके,होते विश्व विभू
जय अरहनाथ देवा... ।
सहेतुक वन में आम्रवृक्ष तल,प्रभु दीक्षा धारी
स्वामी प्रभु दीक्षा धारी,चार घातिया कर्म नाशकर
चार घातिया कर्म नाशकर,केवल निधि पाई
जय अरहनाथ देवा... ।
दिव्य देशना जग हितकारी,कुम्भ गणी अवधार
स्वामी कुम्भ गणी अवधार,नाटक कूट से मोक्ष पधारे
नाटक कूट से मोक्ष पधारे,पूजत भवि दुखहार
जय अरहनाथ देवा... ।
रतन आरती दीप संजोकर,करें आज हर्षाए
स्वामी करें आज हर्षाए,तुम अज्ञान मिटा दो मेरा
तुम अज्ञान मिटा दो मेरा,अरज यहीं जिनराज
जय अरहनाथ देवा... ।
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