Posted on 03-May-2021 08:46 PM
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी
भक्ति भाव से प्रणमूँ तुमको, जय अंतरयामी|| ॐ जय…
राजगृही में जन्म लिया प्रभु, आनंद भयो भारी
सुर-नर-मुनि गुण गायें तिहारी, आरती कर थारी|| ॐ जय…
पिता तुम्हारे सुमित्र राजा, श्यामा के जाया
श्यामवर्ण मूरत है तेरी, पैठन में अतिशय दर्शाया|| ॐ जय…
जो ध्यावे सुख पावे सब ही, सब संकट दूर करें
मनवांछित फल पावें सब ही, जो प्रभु चरण धरें|| ॐ जय…
जन्म-मरण दुःख हरो प्रभु, सब पाप मिटे मेरे
ऐसी कृपा करो प्रभु हम पर, दास रहें तेरे|| ॐ जय…
निज-गुण ज्ञान का दीपक, ले आरती करूँ थारी
सम्यक ज्ञान दो सबको, जय त्रिभुवन के स्वामी|| ॐ जय…
ॐ जय मुनिसुव्रत स्वामी, प्रभु जय मुनिसुव्रत स्वामी
भक्ति भाव से प्रणमूँ, जय अंतरयामी|| ॐ जय…
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