बाल संस्कार सौरभ भाग-१(हमारी पाठशाला, कविता)



       जादू का थैला

ओ मेरे जादू के थैले, अंतर मंतर जंतर जू || टेक।।

जल्दी से मेरे थैले मे लड्डू-पेड़े भर दे तू।

फिर मे डग-डग जाऊँगा, थोडा में भी खाऊँगा,

जो भी भुखा-दुबला होगा उसको बांटता जाऊंगा।

ओ मेरे...

 

जल्दी से मेरे थैले में धोती, कुर्ता भर दे तू,

फिर मैं डग-डग जाऊँगा, सबको पास बुलाऊंगा।

जो भी फटे-पुराने पहने, उनको बांटता जाऊंगा,

ओ मेरे...

 

जल्दी से मेरे थैले में, खुब दवाई भर दे तू।

फिर मै डग-डग जाऊँगा, सब पर प्यार लुटाऊंगा।

जो भी रोगी-दीन मिलेगा, सबको स्वस्थ बनाऊंगा।

ओ मेरे...

 

जल्दी से मेरे थैले में खुब किताबें भर दे तू,

फिर मै डग-डग जाऊँगा, सबको टेर लगाऊंगा।

जो भी अपनढ़ जहाँ मिलेगा उन सबको पढवाऊंगा,

ओ मेरे जादू के थैले, अंतर मंतर जंतर जू

अब मेरी इक बात मान ले,

सबको मुझसा कर दे तू।।

 

    हमारी पाठशाला है

हमें आचरण सिखलाती हमारी पाठशाला है,

हमें व्यवहार सिखलाती-हमारी पाठशाला है।

हमें मन्दिर बुलाती है, प्रभु दर्शन दिलाती है

छना पानी सदा पीना-सीखाती पाठशाला है,

कभी न रात को खाना-सीखाती पाठशाला है।

सदा आदर विनय करता, चरण छू कर नमन करना

बुरी आदत न तुम लाना, सदा पापों से तुम डरना

अच्छी आदत सदा रखना, धर्म पालो सदा अपना

हमें णमोकार है जपना, चलें सत्‌ मार्ग पर कैसे

सही जैनी बनें कैसे, मिले अच्छाई तो पाना

प्याज आलु नहीं खाना ..........  होटल में कभी जाना

सदाचारी सदा बनना ......... कभी निंदा नहीं करना

देव पूजा सदा करना ......... गुरू सम्मान सदा करना

कभी हिंसा नहीं करना .......... कभी न झुठ तुम कहता

बुरी दृष्टि नहीं करना..........गुरू सम्मान सदा करना

कभी आपस में न लड़ना...... परिग्रह न अधिक रखना

विवेकी तुम सदा बनना.......... माता पिता की कर सेवा

जिनवाणी को नित पढ़ना ......... कभी चुगली नहीं करना

देवपूजा सदा करना ......... देव गुरू शास्त्र क्या होते

रहे संयम से जीवन में ......... करों स्वाध्याय नित ही तुम

करें हम दान जीवन में ......... करें तप तो सुखी जीवन.

हमें आचरण सिखलाती हमारी पाठशाला है,

हमें व्यवहार सिखलाती-हमारी पाठशाला है।

 

     धर्म की रेल

आओ बच्चों खेलें खेल, एक बनायें धर्म की रेल।

जीव रहे उसका इंजन है, दस धर्मों के डिब्बे हैं।

सम्यक्दर्शन टिकिट है, उसका। सम्यक्ज्ञान की पटरी है।

सम्यक्चारित्र गुरू चलाते, पहुँचा देती जल्दी है।

मोक्ष नगर मे जायेंगेवापिस कभी न आयेंगे

हम वहीं पर मौज मनायेंगे।

 

Nice

by Harshit jain at 10:10 PM, Apr 29, 2022

Nice

by Sarita at 09:49 PM, Apr 29, 2022